
छू लिया छू लिया यीशु ने...
छू लिया छू लिया, यीशु ने छू लिया (2)
जूड़ गया जिन्दगी से नया सिलसिला (2)
कोरस:
हर घड़ी हर जगह, गाऊँ हालेलुयाह…
हाले… लुय्याह (2)
1.दिल था विरान थल, यीशु जीवन का जल
मुझको मिलता गया, मेरी मुश्किल का हल
मैंने खोया था जो वो मुझे मिल गया (2)
हर घड़ी हर जगह…
2.मुझको पाक जिंदगी, मुझे यीशु ने दी
मेरी बिगड़ी हुई बात, बनती गई
रास्ता खुल गया फिर मुलाकात का (2)
हर घड़ी हर जगह…
3.मेरी उम्मीद को मिल गए हो जहाँ
एक नई है ज़मीं, एक नया आसमां
फिर खुला रूह में अपनी आराम का (2)
हर घड़ी हर जगह…