
कितना हसीन वायदा...
कितना हसीन वायदा ये किया खुदावन्द ने 2
जहाँ दो या तीन जमा हो में हूँ हाजिर उनमें 2
कितना हसीन वायदा ...
1. तुझे अकेला न छोडूं मैं रूह अपनी भेजूं 2
तुझे अनाथ भी न छोडूं एक मददगार भेजूं 2
यीशु के सिवा ये कब है बात कही किसने 2
जहाँ दो या तीन…
2. दस्तक वो देता है चाहे हर दिल में आना 2
भरता उसको रूह से अपनी जिसने उसे जाना 2
जिसका बने है माली वो कलियाँ लगे खिलने 2
जहाँ दो या तीन…
3. रूहे पाक जो हाजिर है और कहे खुशामदी 2
इज्जत दौलत हसमत जिसकी
उसकी करें तमजीत 2
रूह के शोले बरसे जब फिर बदन लगे जलने 2
जहाँ दो या तीन …