
सुबहों सवेरे आँख खुली तो...
सुबहों सवेरे आँख खुली तो, यीशु था
मीठी नींद के, गहराइयों में, यीशु था
अब्राहम इसहाक याकूब का, जिंदा खुदा
मूसा की जलती झाड़ी में, यीशु था x2
चलते, फिरते, बैठते, उठते- यीशु था
तनहाइयों में, दुखों मे भी यीशु था
उसकी आंखे, आग के शोला कि.. मानिंद
शद्रक मेशक कि भट्ठी मे यीशु था
आग और रूह से, बपतिस्मा जो, देता था x2
एक सौ बीस पे, रूह में उतरा, यीशु था
पाप सभी के, जिसने उठाए, शुली पर
मेरा आका मेरा मुनजित, यीशु था
मौत के साया कि वादि में, साथ हु मै कहने
वाला, तुझको मुझको, यीशु था