
गिन-गिन के स्तूति करूँ..
गिन- गिन के स्तूति करूँ
बेशुमार तेरे दानों के लिए
तूने अब तक सम्भाला मुझे
अपनी बाहों में लिए हुए…
1. तेरे शत्रु का निशाना
तुझ पर होगा न सफल
आंखों के पुतली जैसे
वो रखेगा, तुझे हर पल
2. ऑधियाँ बन के आयें
जिन्दगी के फिकर
कौन है तेरा, खेवनहारा
है भरोसा तेरा किधर
3. आये जो तुझको मिटाने
वे शस्त्र होगे असफल
तेरा रचने वाला तुझ पर
रखता है अपनी नजर